Ganesh Ji Ki Aarti
Ganesh Ji Ki Aarti भारतीय सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे भगवान गणेश की पूजा के समय गाया जाता है। यह आरती न केवल भक्तों के मन में श्रद्धा और विश्वास जगाती है, बल्कि जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक मानी जाती है। श्री गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, हर शुभ कार्य की शुरुआत में पूजे जाते हैं। उनकी आरती गाकर भक्त अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। इस लेख में हम Ganesh Ji Ki Aarti के महत्व, लाभ, विधि, और शुद्ध पाठ पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता, और गणपति कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। Ganesh Ji Ki Aarti में उनकी अद्भुत लीलाओं और सर्वगुण संपन्न स्वरूप का वर्णन मिलता है।
Ganesh Ji Ki Aarti को गाने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति, और सिद्धि का संचार होता है। मान्यता है कि जो भक्त नियमित रूप से गणेश जी की आरती करता है, उसके सभी कार्य बिना विघ्न पूरे होते हैं।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदंत, दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डूवन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
मात-पिता सहित वंदन, करूँ चरण सेवा॥
यह Ganesh Ji Ki Aarti का संपूर्ण और शुद्ध पाठ है, जिसे भक्तगण भक्ति भाव से गाते हैं।
Ganesh Ji Ki Aarti का विशेष महत्व गणेश चतुर्थी के दिन होता है, जब भक्त दस दिन तक गणपति की पूजा करते हैं।
हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आराधना और आरती की जाती है ताकि कोई विघ्न न आए।
आजकल YouTube, Spotify, और Bhakti ऐप्स के माध्यम से भी Ganesh Ji Ki Aarti को सुना और गाया जा सकता है। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से आरती का प्रचार-प्रसार और भी अधिक हुआ है।
तथ्य | विवरण |
---|---|
देवता | भगवान गणेश |
प्रसिद्ध पंक्ति | जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
प्रसाद | मोदक और लड्डू |
आरती समय | प्रातः और संध्या |
भाषा | संस्कृत और हिंदी |
महत्व | विघ्नों की समाप्ति |
उपयोग | पूजा, शुभारंभ, भक्ति साधना |
Ganesh Ji Ki Aarti एक पवित्र भक्ति स्तोत्र है जो भगवान गणेश की पूजा के दौरान गाया जाता है। यह भक्तों को सुख, समृद्धि, और विघ्नों से मुक्ति प्रदान करता है। आरती के माध्यम से भक्त गणेश जी की कृपा प्राप्त करते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
हां, आप घर पर पूरी श्रद्धा से यह आरती कर सकते हैं।
“जय गणेश देवा” आरती सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय रूप है।
दीपक, कपूर, फूल, लड्डू, अगरबत्ती और घंटी।
जी हां, आज कई ऐप्स में आरती के गीत और लिरिक्स उपलब्ध हैं।
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