Happy Janmashtami
जन्माष्टमी हिंदू धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से पूरे भारत में मनाया जाता है तथा भारत के जितने भी लोग विदेश में रहते हैं। वह सभी लोग जन्माष्टमी को वहीं पर ही बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ। भगवान श्री कृष्ण के जन्म को ही पूरे भारतवर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार कृष्ण भक्तों के लिए बहुत ही खास माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन सभी सभी लोग एक दूसरे को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हैं श्री कृष्ण के सभी भक्त जन्माष्टमी के दिन व्रत भी रखते हैं। व्रत के साथ-साथ हिंदू धर्म के सभी लोग श्री कृष्ण की पूजा – अर्चना भी करते हैं। जन्माष्टमी के दिन सभी श्री कृष्ण का श्रृंगार भी करते और उनको भोग भी लगाते हैं। इस वर्ष 2023 में जन्माष्टमी 6 – 7 सितंबर को मनाया जाएगा। इस वर्ष जन्माष्टमी दो दिन मनाया जाएगा।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म ही जन्माष्टमी के रूप में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्री कृष्ण देवकी तथा वासुदेव के आठवें पुत्र थे। उनका जन्म मथुरा की कालकोठरी में हुआ था। मथुरा का राजा कंस था जिसने अपने पिता की राजगद्दी को छीन कर खुद मथुरा का राजा बना था। मथुरा का राजा कंस बहुत ही अत्याचारी था। मथुरा के वासी उसके अत्याचार से परेशान थे। कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से किया और देवकी की विदाई करते समय आकाश से भगवान विष्णु ने आकाशवाणी की देवकी के आठवें पुत्र से ही कंस का वध होगा। यह सुनकर कंस भयभीत हो गया और उसने देवकी तथा वासुदेव को एक कालकोठरी में ले जाकर बंद कर दिया। कंस ने श्री कृष्ण के सात भाई बहनों को मार डाला। लेकिन जब श्री कृष्ण का जन्म होता है। तो भगवान विष्णु ने वासुदेव आदेश दिया। की वह श्री कृष्ण गोकुल में यशोदा माता और नंद बाबा के पास पहुंचा आए वहाँ पर श्री कृष्ण अपने मामा कंस से सुरक्षित रहेंगे। श्री कृष्ण का पालन पोषण माता यशोदा और नंद बाबा के देखरेख में हुआ। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इसीलिए जन्माष्टमी श्री कृष्ण के जन्म दिवस के रूप बहुत ही हर्षोल्लास के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है।
इस वर्ष जन्माष्टमी के व्रत के लिए लोगों में भ्रम की भावना बनी हुई है। 2023 में जन्माष्टमी किस दिन है। क्योंकि इस बार जन्माष्टमी 6 सितंबर और 7 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। 2 दिन होने की वजह से लोगों में भ्रम की भावना बनी हुई है। लेकिन हम आपको बता दें कि इस वर्ष व्रत का समय सभी आम लोग जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर बुधवार के दिन रखेंगे और वैष्णो समुदाय के लोग जन्माष्टमी का व्रत 7 सितंबर को रखेंगे।
जन्माष्टमी के व्रत का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:55 से 12:41 तक रहेगा। जितने भी लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी कब तक करेंगे उनके लिए व्रत खोलने का समय 7 सितंबर की सुबह 6:01 के बाद है।
7 सितंबर को जिनते लोग जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 11:55 से 12:40 बजे तक रहेगा। जितने भी लोग जन्माष्टमी का व्रत 7 सितंबर को रखेंगे 6:01 के बाद व्रत खोलेंगे।
What’s the Biggest Organ inside the Human Body? What’s the most important organ in the…
Have you ever puzzled how huge the sector’s largest rainforests surely are? One rainforest is…
Many people get burdened while evaluating temperatures in Celsius and Fahrenheit. A popular query that…
Dr. A. P. J. अब्दुल कलाम टेक्निकल युनिवर्सिटी, लखनऊ भारत के सबसे प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों…
In today’s virtual banking technology, understanding how to generate ATM PIN is crucial for gaining…
L&T Share Price continues to be a focal point for traders and market analysts in…
This website uses cookies.