सावन का महीना कब से शुरू है ? Saptahik Patrika
इस बार का सावन का महीना बहुत ही खाश है। इस बार सावन का महीना खाश होने की वजह है, 2 महीने का होने वाला है सावन अब की बार और भगवान शिव के भगतों को पूजापाठ ब्रत के लिए मिलने वाले हैं खाश 8 सोमवार यह पूरा सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है जाता है हर एक सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से आपके जीवन में खुशहाली आती है। आप जो मांगते है आपको जरुर मिलता है। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। यदि आप पुरे सच्चे मन से सावन के सोमवार का ब्रत और पूजा पाठ करेंगे तो आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।
सावन का महीना भगवान शिव को बहुत अधिक पसंद है। इस बार सावन का महीना 2 महीने का है। इस बार सभी भगतों को सावन का 8 सोमवार ब्रत और पूजा पाठ करने के लिए मिलेगा। यदि आपको सावन महीन के बारे सभी जानकारी को लेना चाहते हैं। जैसे – सावन का महीना कब से शुरु है , सावन के सोमवार का क्या महत्त्व है , सावन के सभी सोमवार की तिथि , सावन के सोमवार की पूजा विधि , भगवान शिव के पूजा में प्रयोग के लिए कौन – कौन सी समाग्री की आवश्यकता होती है।
यदि आपको इन विषयों के बारे विस्तार से जानकारी चाहिए तो हमारे इस लेख सावन का महीना कब से शुरु है ? Savan Ka Mahina Kab Se Shuru Hai को अंत तक पढ़े।
सावन का महीना भगवान शिव के भक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। भगवान शिव के भक्त जलाभिषेक तथा दूधाभिषेक से भगवान शिव को खुश करते हैं। इस बार सावन का महीना बहुत ही खाश होगा। इस बार सावन के महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से शुरु होगा और 31 अगस्त 2023 को अंत होगा। इस वर्ष विक्रम संवत 2080 में सावन का महीना 2 महीने का रहेगा। इस वर्ष अधिकमास लग रहा है, ऐसा इस लिए हुआ। इसी वहज से सावन का महीना 59 दिनों का होगा। माना जा रहा है की ऐसा संयोग 19 वर्षों के बाद बना है।
वेद और शास्त्रों में सावन के महत्व को पूर्ण रुप से बताया गया है। ऐसी मान्यता है की देवी पार्वती ने सावन के महीने में भगवान शिव की कठोर ब्रत और उपासना करके पति के रुप में स्वीकार किया था। और सावन के महीने में ही भगवान विष्णु , ब्रह्मा , इंद्र भगवान शिव के गण सावन के महीने में ही धरती पर वापस करते हैं। और अलग – अलग रुपों में भगवान शिव की भक्ति और आराधना करते हैं। सावन के महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है। जो भी पुरे सच्चे मन से सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करता है। उसकी सभी मनोकमनाएं पूरी होती हैं।
इस वर्ष सावन का महीना बहुत ही खाश है। क्यों की इस वर्ष सावन 2 महीने का रहेगा और इस बार सावन का पाँच सोमवार नहीं बल्कि भगतों को ब्रत और पूजा पाठ के लिए 8 सोमवार मिलेगा। आये जाने इन 8 सोमवार की तिथि क्या है।
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यह माना जाता है की सावन के सोमवार का यदि आप ब्रत और भगवान शिव की पूजा उपासना करते हैं ,तो आपकी सभी मनोकमनाएं पूरी होती हैं।
पूजा के लिए बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंधरोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बाले, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, दीप, रुई, मलयागिरी,चन्दन, शिव व माता पार्वती के शृंगार की समाग्री, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, सोना, चाँदी, आदि समाग्री की आवश्यकता होती है।
2023 सावन सोमवार बहुत ही खाश है। यह सावन इस बार 2 महीने का रहेगा और इसमें 8 सोमवार पड़ेगा।
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